स्पोंडिलोसिस एक सामान्य रीढ़ संबंधी समस्या है जो उम्र बढ़ने के साथ विकसित होती है।

स्पोंडिलोसिस क्या है? इसके कारण, लक्षण और उपचार के तरीके

स्पोंडिलोसिस एक सामान्य रीढ़ संबंधी समस्या है जो उम्र बढ़ने के साथ विकसित होती है। यह एक अपक्षयी (डिजनरेटिव) स्थिति है जिसमें रीढ़ की हड्डियों, डिस्क, और जोड़ों में बदलाव आते हैं। यह समस्या गर्दन (सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस), पीठ के ऊपरी, या पीठ के निचले हिस्से (लंबर स्पोंडिलोसिस) को प्रभावित कर सकती है।

आज की आधुनिक जीवनशैली में लंबे समय तक बैठकर काम करने, गलत पॉश्चर, और शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण यह समस्या पहले की तुलना में आम हो गई है। अगर इसे नजरअंदाज किया जाए, तो यह गंभीर दर्द और आपके गतिशीलता (मोबिलिटी) में कमी का कारण बन सकती है।

इसलिए, स्पोंडिलोसिसके कारण, लक्षण, और उपचार को समझना आवश्यक है।

स्पोंडिलोसिस के कारण

स्पोंडिलोसिस होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

उम्र का बढ़ना

बढ़ती उम्र के साथ, शरीर की अन्य हड्डियों की तरह रीढ़ की हड्डियों और डिस्क में भी घिसाव (वियर एंड टियर) होता है। यह डिस्क के पतले होने और उसके लचीलेपन की कमी का कारण बनता है, जिससे दर्द और कठोरता (स्टिफनेस) महसूस होती है।

खराब जीवनशैली और गलत पॉश्चर

इसमें शामिल है:

  • लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल का उपयोग करना।
  • गलत मुद्रा में बैठना या सोना।
  • लंबे समय तक खड़े रहना या झुककर काम करना।

गलत पॉश्चर से रीढ़ की हड्डी पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे यह स्पोंडिलोसिस की समस्या तेजी से विकसित होती है।

हर्नियेटेड डिस्क (स्लिप डिस्क)

रीढ़ की हड्डियों के बीच मौजूद कुशन जैसी डिस्क समय के साथ कमजोर हो सकती है। यदि यह डिस्क अपने स्थान से खिसक जाती है, तो नसों पर दबाव डालती है, जिससे दर्द और सुन्नता हो सकती है।

गठिया (आर्थराइटिस)

ऑस्टियोआर्थराइटिस या अन्य गठिया संबंधी रोग रीढ़ की हड्डियों के जोड़ों में सूजन और कठोरता पैदा कर सकते हैं। इससे हड्डियों पर अतिरिक्त भार पड़ता है और दर्द की समस्या बढ़ जाती है।

रीढ़ में चोट

किसी पुराने एक्सीडेंट या रीढ़ की हड्डी में लगी चोट के कारण स्पोंडिलोसिस विकसित हो सकता है। इसके अलावा, बार-बार भारी वजन उठाने से भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।

स्पोंडिलोसिस के लक्षण

स्पोंडिलोसिस के लक्षण व्यक्ति की रीढ़ के प्रभावित क्षेत्र पर निर्भर करते हैं। आमतौर पर देखे जाने वाले लक्षण इस प्रकार हैं:

  • गर्दन और पीठ में दर्द: गर्दन, पीठ, या कमर में लगातार दर्द होना इसका प्रमुख लक्षण है। यह दर्द हल्का या फिर गंभीर तक हो सकता है और लम्बे समय तक बना रह सकता है।
  • जकड़न और अकड़न: स्पोंडिलोसिस से प्रभावित व्यक्ति को सुबह उठते समय या लंबे समय तक बैठे रहने के बाद शरीर में कठोरता महसूस हो सकती है।
  • सुन्नता और झुनझुनी: यदि नसों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, तो हाथों, पैरों, या उंगलियों में झुनझुनी या सुन्नता हो सकती है।
  • कमजोरी और संतुलन में कमी: रीढ़ की हड्डी प्रभावित होने से मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे चलने-फिरने में कठिनाई और संतुलन बनाए रखने में परेशानी हो सकती है।
  • सिरदर्द और चक्कर आना: सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस (गर्दन से संबंधित स्पोंडिलोसिस) के मामले में सिरदर्द और चक्कर आना एक आम समस्या होती है।

स्पोंडिलोसिस पर नॉन-सर्जिकल उपचार के तरीके

स्पोंडिलोसिस का उपचार आमतौर पर लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करता है। हालांकि, अधिकतर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता नहीं पड़ती, और इसे बिना सर्जरी के तरीकों से ठीक किया जा सकता है।

दवाइयाँ

हल्के मामलों में, डॉक्टर दर्द निवारक, मांसपेशियों को आराम देने वाली, और सूजन कम करने वाली दवाइयाँ दे सकते हैं।

फिजियोथेरेपी

फिजियोथेरेपी से पीठ और गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत किया जाता है, जिससे दर्द और जकड़न में राहत मिलती है। इसमें स्ट्रेचिंग, एक्सरसाइज, और मैनुअल थेरेपी शामिल होती हैं।

पोश्चर में सुधार और जीवनशैली में बदलाव
  • कंप्यूटर स्क्रीन को आंखों के स्तर पर रखना।
  • आरामदायक गद्दे और तकिए का उपयोग करना।
  • लंबे समय तक एक ही स्थिति में ना बैठना।
  • नियमित रूप से स्ट्रेचिंग और व्यायाम करना।
व्यायाम और योग

सही व्यायाम और योगासन करने से रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ता है और दर्द कम होता है। कुछ लाभकारी योग मुद्राएं हैं – भुजंगासन, वज्रासन और ताड़ासन।

एर्गोनॉमिक एडजस्टमेंट्स

इसमें शामिल है:

  • आरामदायक कुर्सी और मेज का उपयोग करना।
  • झुककर या गलत स्थिति में ना बैठना।
  • हर ३०-४० मिनट में उठकर हल्की स्ट्रेचिंग करना।
नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट

यह एक आधुनिक और प्रभावी तरीका है जो बिना किसी दवा, सर्जरी, या इंजेक्शन के दर्द को कम करता है। यह रीढ़ की हड्डी पर से दबाव हटाने में मदद करता है और डिस्क को सही स्थिति में लाने में सहायक होता है।

नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट रीढ़ की हड्डी पर दबाव घटाकर हर्निएटेड डिस्क, सायटिका, और दीर्घकालीन पीठ दर्द से राहत देता है। यह रक्त प्रवाह बढ़ाता है, डिस्क को पोषण देता है, और रीढ़ की सेहत में सुधार लाता है।

ANSSI के बारे में:

ANSSI Wellness रीढ़ की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है। आधुनिक नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन उपचार के माध्यम से, ANSSI मरीजों को बिना-सर्जरी एक सुरक्षित, प्रभावी, और देखभालपूर्ण माहौल में ठीक होने में मदद करता है।

ANSSI Wellness से जुड़ें LinkedIn, Instagram, और Facebook पर और विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त करें।

Related Posts

Book Appointment

    Book an Appointment

    We are Asia’s Fastest Growing Chain of Spine Clinics. Consult With our Spine Experts and Unlock your Pain Free Life

    Step 1

    Book Appointment with our Spine Expert

    Step 2

    Get Detailed Diagnosis and a Customized Treatment Plan

    Step 3

    Complete the Treatment and Unlock the Door to Pain Free Life