कमर दर्द या लोअर बैक पैन आज के समय में एक आम समस्या बन चुकी है। यह समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है—चाहे वह ऑफिस में लंबे समय तक बैठने वाला व्यक्ति हो, या कोई घरेलू महिला, या फिर वोह जो भारी वजन उठाने का काम करता हो। हालांकि गंभीर मामलों में डॉक्टर की सलाह और उपचार जरूरी होता है, बहुत से लोग घर पर कुछ आसान उपाय और व्यायाम करके भी इस दर्द से राहत पा सकते हैं।
आईये हम कुछ प्रभावी घरेलू उपायों और व्यायामों के बारे में जानें जो कमर दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। इनमें शामिल हैं गर्म और ठंडी सेंक, हल्की दवाएं, सही पोश्चर बनाए रखना, और कुछ स्ट्रेचिंग। इसके अलावा, हम कुछ मुख्य व्यायामों पर भी ध्यान देंगे जो हमारी पेट और पीठ के मसल्स को मजबूत करते हैं और शरीर का लचीलापन बढ़ाते हैं।
गर्म और ठंडी सेंक (हॉट एंड कोल्ड थेरेपी)
कमर दर्द की शुरुआत में ठंडी सेंक (आइस पैक) सूजन को कम करने में मदद करती है। 15-20 मिनट के लिए बर्फ की थैली को दर्द वाले स्थान पर रखें। तीन दिन बाद गर्म सेंक (हॉट वॉटर बैग या हीटिंग पैड) इस्तेमाल करें।
गर्मी से मांसपेशियां ढीली होती हैं और रक्तसंचार बढ़ता है जिससे दर्द में राहत मिलती है।
दर्द शामक दवाइयां (ओवर-द-काउंटर पेन रिलीवर)
अगर दर्द ज्यादा हो तो डॉक्टर के निर्देश अनुसार कुछ हल्की दवाएं जैसे कि पेरासिटामोल या आईबुप्रोफेन ली जा सकती हैं। ये दवाइयां सूजन और दर्द को कम करने में कारगर होती हैं, लेकिन इनका उपयोग सीमित समय के लिए ही करें और किसी विशेषज्ञ की सलाह के बिना न लें।
सही पोश्चर
गलत तरीके से बैठने और खड़े रहने की आदतें कमर दर्द की सबसे बड़ी वजहों में से एक हैं। कोशिश करें कि बैठते समय पीठ सीधी हो, दोनों पैर जमीन पर टिके हों, और कमर को अच्छी तरह सपोर्ट मिले। कंप्यूटर पर काम करते समय स्क्रीन आंखों के सामने होनी चाहिए। मोबाइल को बहुत देर तक झुककर न देखें।
हल्की स्ट्रेचिंग और योगासन
कुछ आसान स्ट्रेचिंग व्यायाम और योगासनों से पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव कम होता है और लचीलापन बढ़ता है।
- बालासन (चाइल्ड्स पोज़): पीठ को आराम देने के लिए एक बहुत ही असरदार योग मुद्रा।
- भुजंगासन (कोबरा पोज): रीढ़ की हड्डी को खींचता है और मजबूती देता है।
- मार्जरासन (कैट-काउ स्ट्रेच): पीठ और गर्दन की हड्डियों में हलचल लाकर तनाव कम करता है।
- पेल्विक टिल्ट्स: पेट और पीठ के मसल्स को मजबूत करता है और दर्द कम करता है।
इन व्यायामों को धीरे-धीरे करें और शरीर की सुनें। अगर किसी एक्सरसाइज से दर्द बढ़े तो तुरंत रोक दें।
व्यायाम जो पेट और पीठ के मसल्स को मजबूत करते हैं (कोर स्ट्रैंथनिंग एक्सरसाइज)
मजबूत कोर मसल्स रीढ़ की हड्डी को सपोर्ट देते हैं और पीठ दर्द से बचाते हैं। कुछ आसान लेकिन असरदार एक्सरसाइज इस प्रकार हैं:
- ब्रिज पोज़: पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़ें, फिर हिप्स को ऊपर उठाएं और कुछ सेकंड रोककर धीरे से नीचे लाएं।
- बर्ड-डॉग एक्सरसाइज: हाथ और घुटनों के बल आकर एक हाथ और विपरीत पैर को सीधा फैलाएं, कुछ सेकंड रोकें, फिर बदलें।
- प्लैंक एक्सरसाइज: पेट के बल लेटकर कोहनियों और पंजों के सहारे शरीर को सीधा रखें। यह एक्सरसाइज पेट और पीठ के मसल्स को मजबूत करने में अत्यंत उपयोगी है।
इन व्यायामों को दिन में 10-15 मिनट नियमित रूप से करें।
नॉन-सर्जिकल उपचार
जब घरेलू उपाय और सामान्य व्यायाम से राहत न मिले, तो कुछ बिना सर्जरी के उपचार दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- फिजियोथेरेपी मांसपेशियों को मजबूत करती है और लचीलापन बढ़ाती है, जिससे दर्द कम होता है।
- कायरोप्रेक्टिक केअर (Chiropractic care) रीढ़ की हड्डी को सही स्थिति में लाकर नसों पर दबाव घटाती है।
- एक्यूपंक्चर विशेष बिंदुओं पर सुई लगाकर शरीर की प्राकृतिक दर्द-निवारक प्रणाली को सक्रिय करता है।
नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट
यह एक आधुनिक और बिना सर्जरी की उपचार पद्धति है जिसमें एक विशेष मशीन की मदद से रीढ़ की हड्डी को धीरे-धीरे खींचा जाता है। इससे स्पाइनल डिस्क पर से दबाव कम होता है और वह प्राकृतिक तरीके से ठीक होती है। इससे दर्द से दीर्घकालिक राहत मिलती है।
भारत और दुबई में ANSSI Wellness जैसे क्लिनिक USA प्रोटोकॉल पर आधारित नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट प्रदान करते हैं। यह ट्रीटमेंट बिना सर्जरी, बिना दवा, और बिना इंजेक्शन के दर्द से राहत दिलाने में सफल रही है।
ANSSI के बारे में:
ANSSI Wellness रीढ़ की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है। आधुनिक नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन उपचार के माध्यम से, ANSSI मरीजों को बिना-सर्जरी एक सुरक्षित, प्रभावी, और देखभालपूर्ण माहौल में ठीक होने में मदद करता है।
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