स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट का उद्देश्य इस दबाव को कम करना और दर्द से राहत देना है।

नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन उपचार क्यों हो रहा है लोकप्रिय?

पीठ दर्द एक ऐसी समस्या है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। यह अक्सर तकलीफ, काम करने में दिक्कत और जीवन में परेशानी का कारण बनती है।

पीठ दर्द के उपचार

पीठ दर्द के लिए फिजियोथेरेपी और सर्जरी जैसी कई उपचार उपलब्ध हैं। पर लोग ऐसे विकल्पों की तलाश करते हैं जो उनके दर्द के मूल कारण का इलाज सर्जरी या दवाओं के बिना कर सकें।

इन उपचार विकल्पों में, एक ट्रीटमेंट तेजी से लोकप्रिय हो रही है—जिसे स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट कहते हैं। यह पीठदर्द से राहत देता है और रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।

नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन की आवश्यकता

आपके शरीर को रीढ़ का सहारा मिलता है। यह रीढ़ छोटी हड्डियों से बनी होती है, जिनकेसाथ लचक बनाए रखने के लिए स्पाइनल डिस्क और लिगामेंट्स होते हैं। आपकी रीढ़ के बीच से नसों का एक जाल गुजरता है।

स्पाइन की चोट या उसके पतन से दर्द हो सकता है। जब रीढ़ पर दबाव पड़ता है, तो यह नसों और स्पाइनल कॉर्ड पर दबाव डालती है, जिससे दर्द होता है। स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट का उद्देश्य इस दबाव को कम करना और दर्द से राहत देना है।

स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट

स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंटमें मरीज की रीढ़ को धीरे-धीरे खींचा जाता है। इससे नकारात्मक दबाव पैदा होता है, जो स्पाइनल डिस्क और नसों पर पड़े दबाव को कम करता है। यह ट्रीटमेंट खिसकी हुई डिस्क को सही स्थिति में लाता है, रक्त प्रवाह को बढ़ाता है, शरीरकी गतिशीलता में सुधार करता है, और शरीर के नैसर्गिक उपचार प्रक्रिया को बढ़ावा देता है।

किन स्थितियों में इसकी जरूरत होती है?

स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट नीचे दी गयी स्थितियों के लिए लिया जा सकता है:

  • बल्जिंग डिस्क: डिस्क का कुछ हिस्सा बाहर आकर नसों पर दबाव डालना।
  • स्पाइनल स्टेनोसिस: स्पाइनल कैनाल के संकुचित होने से नसें दबना या चुभना।
  • डिजनरेटिव डिस्क: डिस्क का पतन हो जाना।
  • हर्निएटेड डिस्क: डिस्क का सॉफ्ट सेंटर बाहर निकलकर नस पर दबाव डालना।
  • पिंच्ड नर्व: नस के चुभनसे झुनझुनी, दर्द, या सुन्नता होना।
  • सायटिका: सायटिक नस को नुकसान होना।
  • पोस्ट-सर्जिकल दर्द: सर्जरी के बाद भी दर्द का बना रहना।
नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन के फायदे

नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट के कई फायदे हैं:

  • नॉन इनवेसिव: सर्जरी या एनेस्थीसिया की आवश्यकता नहीं होती।
  • पीड़ारहित: न तो कोई दवा चाहिए, न कोई चीर-फाड़ होती है।
  • तेज: प्रत्येक ट्रीटमेंट सेशन २०–३० मिनट का होता है। अधिकतम प्रभाव के लिए २०–३० सेशन्सकी जरूरत होती है।
  • सुरक्षित: कटाई, जलाना, या सुई का उपयोग नहीं होता, जिससे इंफेक्शन का खतरा नहीं रहता।
  • प्रभावी: दर्द में कमी और शरीरकी गतिशीलता में सुधार के लिए प्रभावी है।
अन्य थेरेपी के साथ संयोजन

नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन का प्रभाव बढ़ाने के लिए इसे अन्य थेरेपी के साथ जोड़ा जा सकता है:

  • कायरोप्रैक्टिक केयर
  • फिजिकल थेरेपी
  • मसाज थेरेपी
  • एक्यूपंक्चर

ANSSI वेलनेस में रीढ़ की देखभाल

ANSSI Wellness, भारत में बिना-सर्जरी स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट के लिए सबसे आगे है। हमारे विशेषज्ञ ऑर्थोपेडिक्स और फिजिओथेरपिस्ट्स मरीजों के लिए व्यक्तिगत ट्रीटमेंट प्लान तैयार करते हैं।

ANSSI के बारे में:

ANSSI वेलनेस रीढ़ की हड्डी की समस्याओं से पीड़ित मरीजों के जीवन में सुधार लाने का काम करता है। उनका उद्देश्य उन मरीजों पर राहत प्रदान करना है जिनके लिए अन्य पारंपरिक उपचार विफल हो गए हैं। आधुनिक नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेसन उपचार के माध्यम से, ANSSI हर एक मरीज़ को सर्जरी से बचने और सुरक्षित और प्रभावी वातावरण में ठीक होने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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