आजकल की व्यस्त जीवनशैली, गलत पोश्चर, या फिर भारी वजन उठाने और अधिक समय तक बैठने की आदतों के कारण स्लिप्ड डिस्क (Slipped Disc) की समस्या भारत के अनेक भागों में तेजी से बढ़ रही है। यह स्थिति
रीढ़ की हड्डी के डिस्क में होने वाले पतन या चोट के कारण उत्पन्न होती है, जिससे पीठ, गर्दन, और पैरों में तेज दर्द, सुन्नता, और कमजोरी हो सकती है।
बहुत से लोग मानते हैं कि स्लिप्ड डिस्क का इलाज सिर्फ सर्जरी से संभव है, लेकिन यह सच नहीं है। नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट जैसी तकनीकों के माध्यम से प्राकृतिक और सुरक्षित तरीके से इस समस्या को ठीक किया जा सकता है।
आइए, हम मिलकर और विस्तार से जाने स्लिप्ड डिस्क, उसके लक्षणों, और नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट के बारे में।
स्लिप्ड डिस्क क्या है?
हमारे रीढ़ के हड्डियों (कशेरुका) के बीच में नरम डिस्क होती हैं, जो झटकों को सहन करने में मदद करती हैं और रीढ़ को लचीला बनाए रखती हैं।
जब यह डिस्क अपनी जगह से खिसक जाती है, बाहर निकल आती है, या फट जाती है, तो इसे स्लिप्ड डिस्क या हर्निएटेड डिस्क कहा जाता है। बाहर आयी हुई यह डिस्क रीढ़ की नसों पर दबाव डाल सकती है, जिससे गंभीर दर्द और तकलीफ होती है।
स्लिप्ड डिस्क के कारण:
- गलत मुद्रा (पोश्चर) में बैठना या सोना
- भारी वजन उठाना
- रीढ़ की हड्डी में चोट लगना
- मांसपेशियों की कमजोरी और लचीलेपन की कमी
- लंबे समय तक एक ही स्थिति में रहना
स्लिप्ड डिस्क के लक्षण:
- पीठ और गर्दन में तेज दर्द
- हाथों या पैरों में झुनझुनी या सुन्नता
- चलने, बैठने, और झुकने में कठिनाई
- मांसपेशियों में कमजोरी
यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह समस्या और गंभीर हो सकती है।
सर्जरी को टालना क्यों जरूरी है?
सर्जरी को अंतिम विकल्प के रूप में ही चुनना चाहिए, क्योंकि इससे कई जोखिम जुड़े होते हैं:
- लंबी रिकवरीका अवधि: सर्जरी के बाद महीनों तक आराम करना पड़ सकता है।
- संभावित जटिलताएँ: इन्फेक्शन, रक्तस्राव, और रीढ़ की हड्डी को नुकसान होने की संभावना होती है।
- हर केस में प्रभावी नहीं: कई मरीजों को सर्जरी के बाद भी दर्द बना रहता है।
- महंगा और जोखिम भरा उपचार: सर्जरी का खर्च अधिक होता है और इसमें दूसरी समस्याएँ पैदा हो सकती हैं।
इन जोखिमों से बचने के लिए, नॉन-सर्जिकल उपचार को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट: सुरक्षित और प्रभावी इलाज
स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट सर्जरी के बिना की जाने वाली एक दर्द रहित तकनीक है, जो रीढ़ की हड्डी पर के दबाव को कम करके दर्द से राहत प्रदान करती है।
कैसे काम करती है यह ट्रीटमेंट?
- इस ट्रीटमेंट में रीढ़ की हड्डी को धीरे-धीरे खींचा जाता है, जिससे उस पर का दबाव कम होता है।
- इससे डिस्क के अंदर थोड़ी जगह बनती है, जिससे पोषक तत्व और ऑक्सीजन प्रभावित हिस्से तक पहुंचते हैं और प्राकृतिक रूप से डिस्क ठीक होती है।
- यह ट्रीटमेंट नसों पर पड़ने वाले दबाव को कम करके दर्द और सूजन को कम करती है।
यह एक सुरक्षित और वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित तकनीक है, जो कई मरीजों के लिए कारगर साबित हुई है।
नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट के लाभ
- बिना सर्जरी के दर्द से राहत
- रीढ़ की हड्डी के डिस्क का प्राकृतिक उपचार
- मांसपेशियों और नसों पर का दबाव कम होना
- रक्त संचार और पोषक तत्वों की आपूर्ति को बढ़ावा मिलना
- लंबे समय तक प्रभावी परिणाम
इस ट्रीटमेंट के ज़रिए मरीज बिना किसी चीर-फाड़ और दवाओं के अपने दर्द से छुटकारा पा सकते हैं।
कौन लोग इस ट्रीटमेंट से लाभ उठा सकते हैं?
यह ट्रीटमेंट नीचे दिए गए मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होती है:
- जिन्हें स्लिप्ड डिस्क, हर्निएटेड डिस्क, या सायटिका की समस्या है।
- जिन्हें गर्दन, पीठ, या पैरों में लगातार दर्द रहता है।
- जो सर्जरी को टालना चाहते हैं और प्राकृतिक उपचार की तलाश में हैं।
- जो लंबे समय तक बैठने के कारण पीठ दर्द से परेशान रहते हैं।
यदि आप भी इनमें से किसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट आपके लिए सही विकल्प हो सकता है।
ANSSI के बारे में:
ANSSI Wellness रीढ़ की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है। आधुनिक नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन उपचार के माध्यम से, ANSSI मरीजों को बिना-सर्जरी एक सुरक्षित, प्रभावी, और देखभालपूर्ण माहौल में ठीक होने में मदद करता है।
ANSSI Wellness से जुड़ें LinkedIn, Instagram, और Facebook पर और विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त करें।